Neeraj Agarwal

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लेखनी कहानी -09-Mar-2024

शीर्षक - महाशिवरात्रि


आज हम सभी लोग भगवान शिव शंकर की महाशिवरात्रि मनाते हैं जो कि हर वर्ष त्यौहार की तरह हम परंपरा के अनुसार मानते हैं हां इस दिन भगवान शिव का मां पार्वती से विवाह संपन्न हुआ था। महाशिवरात्रि की रात उत्तरी गोलार्द्ध इस प्रकार अवस्थित होता है कि मनुष्‍य के शरीर के भीतर की ऊर्जा प्राकृतिक रूप से ऊपर ब्रह्मांड की ओर जाने लगती है. मानो प्रकृति स्वयं मनुष्य को उसके आध्यात्मिक शिखर तक जाने में मदद कर रही होती है। पौराणिक कथाओं में यह भी प्रचलित है कि महाशिवराशि शिव और मां पार्वती के मिलन का दिन माना जाता है। फाल्गुन माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को शिवजी ने वैराग्य छोड़कर गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था और माता पार्वती से विवाह किया था। इस वजह से भी हर साल शिव-गौरी के विवाहोत्सव के रूप में महाशिवरात्रि मनाई जाती। महाशिवरात्र‍ि को लेकर भगवान शिव से जुड़ी कई मान्यताएं प्रचलित हैं. ऐसा माना जाता है कि इस विशेष दिन में ही मध्यरात्रि को भगवान शंकर का अवतरण हुआ था. यह भी मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने तांडव कर अपना तीसरा नेत्र खोला था और ब्रम्हांड को इस नेत्र की ज्वाला से समाप्त किया था। इस अद्भुत दृश्य को देख ब्रह्मा और विष्णु अति प्रसन्न हो शिव की स्तुति करने लगे। शिव ने प्रसन्न हो दोनों को अचल भक्ति का वरदान दिया। प्रथम बार शिव के ज्योतिर्लिंग में प्रकट होने पर इसे महाशिवरात्रि के रूप में मनाया गया। महाशिवरात्रि पर्व के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष उपासना की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन शिव-पार्वती विवाह के पवित्र बंधन में बंधे थे। महाशिवरात्रि हिन्दुओं का प्रमुख धार्मिक पर्व है। ये पावन पर्व फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। महाशिवरात्रि के ही दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह हुआ था। आज के दिन शिवभक्त व्रत रखते हैं और भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं। फाल्गुन माह की चतुर्दशी को माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह हुआ था. इस दिन शिवजी ने वैराग्य जीवन छोड़ गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था. शिव और शक्ति के मिलन के उत्सव के तौर पर महाशिवरात्रि के दिन भक्त पूजन और व्रत करके इस उत्सव को मनाते हैं. यह दिन भगवान शिव के सम्मान में भी मनाया जाता है। सच और ईश्वर की कृपा के साथ-साथ देवों में देव महादेव की महाशिवरात्रि हम सभी धूमधाम से मनाते हैं और भोले भंडारी हम सभी को तरह-तरह के वरदान देते हैं। हम सभी ओम नमः शिवाय हर हर महादेव कहते हैं।


नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

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5 Comments

Varsha_Upadhyay

14-Mar-2024 08:02 PM

Nice

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Gunjan Kamal

13-Mar-2024 10:56 PM

👏👌

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HARSHADA GOSAVI

13-Mar-2024 07:54 PM

Amazing

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